BJP – एक दांत के बदले तोड़ दो पूरा जबड़ा
19/09/2016
रविवार सुबह उरी में सीमापार से आतंकी सलामाबाद नाले से उरी में घुस गए और आर्मी ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया जिसमें 17 जवान शहीद हो गए। इस मामले पर डिफेंस मिनिस्टर ने 17 जवानों की कुर्बानी का बदला लेने के ऑर्डर दिए हैं। डिफेंस मिनिस्टर को उरी हमले के बारे में जानकारी नॉर्दर्न आर्मी और चिनार कॉर्प्स के कमांडर ले. जनरल डीएस हुड्डा और ले. जनरल सतीश दुआ ने दी। कहा जा रहा है कि इसमें जवाबी कार्रवाई के एक्शन प्लान पर बात हुई। वहीं एक बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या इस बार भी सरकार आतंकियों के खिलाफ वैसी ही कार्रवाई करेगी जैसी म्यांमार मामले में की थी।
पर्रिकर ने इस मामले पर कहा, “हमारे 17 बहादुर जवानों ने कुर्बानी दी है। मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं।”
“आर्मी चीफ और कमांडर स्थिति पर नजर बनाए रखें। जो हमले के लिए जिम्मेदार हैं, उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि देश को कोई शख्स या संगठन नुकसान पहुंचाता है तो उसे वैसा ही दर्द दिया जाना चाहिए।
क्या म्यांमार जैसी कार्रवाई करेगी केंद्र सरकार?
आतंकियों ने इससे पहले पिछले साल जून में मणिपुर में सेना के ट्रक पर हमला किया था। जिसमे 18 जवान शहीद हो गए थे। तब सेना ने दो दिन के बाद म्यांमार बॉर्डर के अंदर घुसकर उग्रवादियों को मार गिराया था। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस बार भी केंद्र सरकार ऐसा ही कुछ करेगी?
दो-दो बार खुफिया सूचना मिलने बावजूद नहीं रोक पाए हमला
कश्मीर में 2 महीने से जारी हिंसा के बीच सुरक्षा एजेंसियों को पहले से ही पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी गुटों के हमले की आशंका थी।
इंटेलिजेंस ने ईद पर हमले होने कि आशंका के चलते उरी और श्रीनगर अलर्ट जारी किया था। पर ईद पर कड़ी सुरक्षा होने के कारण आतंकी कुछ नहीं कर पाए।
दूसरी बार फिर आतंकी हमले के लिए 15 सितंबर को अलर्ट जारी हुआ। इसमें स्पष्ट उल्लेख था कि उड़ी में एलओसी पर किसी अग्रिम चौकी या गश्तीदल पर आतंकी हमला कर सकता है।
इसके अलावा एक आत्मघाती दस्ते के तीन-चार दिन में चढाई करके किसी सैन्य प्रतिष्ठान या नागरिक इलाके में बड़े हमले की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, मिलिट्री ऑपरेशन डीजी ने कहा कि सभी खुफिया चेतावनी गंभीरता से ली जाती हैं।
कैसे पहुंचे आतंकी आर्मी बेस तक?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उरी बेस पर घुसे आतंकियों ने 24 से 48 घंटे पहले ही घाटी में चढाई की होगी।
रविवार तड़के सुबह 3.30 बजे आतंकी आर्मी बेस पर पहुंचे। इन्होंने जवानों की अदला-बदली के समय का फायदा उठाया और तार काटकर बेस के अंदर दाखिल हो गए।
ऐसे किया हमला?
दाखिल हुए आतंकियों की संख्या चार से पांच थी। आतंकी दो हिस्से में बाँट गए, सबसे पहले आतंकियों ने कैम्प के अन्दर ग्रेनेड फेंका।
फिर आतंकियों का दूसरा गुट आर्मी बेस के एडमिनिस्ट्रेटिव बैरक में घुसकर फायरिंग शुरू कर दी और ग्रेनेड फेंके।
जवान क्यों हुए शहीद?
आतंकियों ने जवानों को मरने के लिए डोगरा रेजीमेंट के टेंटो को निशाना बनाया जहाँ जवान ड्यूटी खत्म कर सो रहे थे। आतंकियों द्वारा लगातार ग्रेनेड फेंके जाने के कारण 10 टेंटो में आग लग गयी। कहा जा रहा है कि इस आग से जलकर 13 जवान शहीद हो गए।
क्या हुआ हमले के बाद?
हमले के 6 घंटे के अंदर बेस के अंदर हेलिकॉप्टर के जरिए पैराकमांडो उतारे गए।
इन कमांडोज ने चार आतंकियों को मार गिराया।
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