2 दिन में पार किए 170 किमी तैर कर 10 साल की ‘नन्ही जलपरी’ ने
30/08/2016
कानपुर
11 साल की श्रद्धा शुक्ला ‘नन्ही जलपरी’ नाम से मशहुर हो चुकी है अपने सफर के पहले दिन उफनाती गंगा में 100 किलोमीटर तैरते हुए उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर घाट पहुंची थी। दूसरे दिन श्रद्धा ने तैरकर रायबरेली पहुँचने के लिए 70 किमी का सफ़र तय किया, वहां पहुँचते ही स्थानीय लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया। श्रद्धा कानपुर से वाराणसी तक का 550 किलोमीटर का सफर गंगा में तैरकर पार करेगी।
क्लीन गंगा का संदेश लिए श्रद्धा कानपुर से उन्नाव-फतेहपुर-कौशांबी-इलाहाबाद और मिर्जापुर होते हुए वाराणसी पहुंचेगी। नन्ही जलपरी के पिता ललित शुक्ला तैराक एक्सपर्ट्स के साथ बेटी का साथ दे रहे हैं। शुक्ला ने बताया कि, ‘रविवार को उसने 100 किमी का सफर तय किया। करीब 8 घंटे की रात में नींद लेने के बाद उसने 70 किमी तैरकर पार किया।’ उन्होंने बताया कि इतनी एनर्जी बर्न होने के कारण उसे हर घंटे ड्राई फ्रूट्स के साथ दूध दिया जाता हैं।
मगरमच्छ से खतरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘ गंगा में बड़े मगरमच्छ के होने की खबर सही है पर अभी तक हमारा उनसे पाला नहीं पड़ा है। श्रद्धा को ऐसे खतरों से अलर्ट रखने के लिए हमारी ड्राइवर्स की टीम हमेशा उनके साथ रहती है।’ श्रद्धा ने बताया वह किसी भी हालत में हार नहीं मानेगी। वह कहती है कि तैरना और आराम करना दोनों उनके लिए एक सामान है। और तैरते समय मेरा ध्यान केवल तैरने पर होता है यह मेरे लिए ध्यान करने जैसा है।’
श्रद्धा के दादा और कोच मुन्नू लाल शुक्ला ने कहा उन्हें श्रद्धा पर गर्व है और किसी भी तैराक के लिए 550 किलोमीटर तक तैरना आसान कम नहीं है। गंगा का जलस्तर भी काफी बढ़ा हुआ है। यह आसान काम नहीं है।’ इससे पहले श्रद्धा ने सिर्फ 10 साल की उम्र में कानपुर से इलाहाबाद की 280 किलोमीटर की दूरी तय कर लिमका बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में अपना नाम लिखवाया था। श्रद्धा का कहना है कि वह भारत के लिए ओलिंपिक में मेडल लाना चाहती है। जिसके लिए उसने ट्रेनिंग के लिए प्रधानमंत्री से प्रार्थना की है।
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