होलिका दहन में डालें कर्पूर और इलायची, जाने क्या है फायदा
10/03/2017
इन दिनों लगातार सोशल मीडिया पर ये मैसेज काफी वायरल हो रहा है कि होलिका दहन में कर्पूर और इलायची जलाएं, क्योंकि इसकी महक से स्वाइन फ्लू के वायरस मर जाएंगे। इस संबंध में जब अहमदाबाद स्थित अभुमका हर्बल प्रा. लि. के डायरेक्टर डॉक्टर दीपक आचार्यसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि होलिका दहन से निकलने वाला धुआं हमारी सेहत और वातावरण के लिए लाभकारी होता है। यहाँ तक की कुछ ग्रामीण इलाकों में होलिका दहन के लिए लकड़ियों के साथ कर्पूर के अलावा कुटकी और लोबान भी रखा जाता है। इनसे निकला धुआं भी सेहत के लिए काफी अच्छा माना गया है।
होली के नाम पर लोग आज भले ही हुड़दंग करने लगे हैं, बहुत ज्यादा मात्रा में लकड़ियों को बर्बाद किया जाने लगा है, लेकिन पुराने दौर में होलिका का आकार छोटा होता था और इसमें कई तरह की वनस्पतियां भी शामिल होती थीं। जो हमारे शरीर को कई तरह के फ़ायदा पहुचाते थे। आइए, हम भी जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर किन वजहों से होलिका दहन को स्वास्थ्य और पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर माना जाता रहा है
- होली आने पर मौसम में भी चेंज होने लगता है इस कारण हमे बॉडी में जमा कफ पिघलने लगता है और इससे जुड़े रोग भी होने लगते हैं। इसलिए होलिका दहन के समय बड़ी मात्रा में कर्पुर और इलाइची डालते हैं इसका धुआं एंटी माइक्रोबियल प्रभाव वाला होता हैं।
- होलिका दहन से निकलने वाला धुआं घरों और आस-पास के खुले इलाको में भी जाता हैं। जिससे कीटो और मच्छरों को दूर भागने में मदद मिलती हैं ये बात कई रिसर्च में सामने आ चुकी हैं।
- भारत सरकार के नेशनल काउंसिल ऑफ़ साइंस म्यूजियम के मुताबिक, “ होलिका की परिक्रमा करते वक़्त तापमान 60 से 70 डिग्री के आस पास होता हैं इस टेम्परेचर में हमारे शरीर के अनेक जीवो का सफाया हो जाता हैं।
- 60 से 70 डिग्री के तापमान पर हवा में मौजूद कई तरह के हानिकारक जीवों का खात्मा हो जाता हैं। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ियाँ और अन्य वनस्पतियों के धुएं को 10 से 15 मिनट तक सूंघने से सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ता हैं।
- दक्षिण भारत में होलिका दहन के अगले दिन लोग इसकी राख को ललाट पर लगते हैं और दो चुटकी भभूत आम की पत्तियों के साथ लपेटकर खाते भी हैं।
तो डर किस बात की सूखी-सूखी साफ़ सुथरी लकड़ियाँ और कर्पुर, लोबान, गिलोय, नीम, तुलसी जैसी वनस्पतियों को इकठ्ठा करे और होलिका भी मनाये और सेहत भी।
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