स्वच्छ हो जाएगी यमुना पांच वर्षो में
02/07/2016
कई सालो से चलाया जा रहा “यमुना एक्शन प्लान” एवं 2000 करोड़ रुपये खर्चा होने के बावजूद यमुना नदी स्वच्छ नहीं हो पाई। दिल्ली शहर के वजीराबाद मोहल्ले से लेकर ओखला मोहल्ले तक यमुना नदी नाले में तब्दील हो गई है। अब सरकार ने पांच साल में यमुना नदी को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। राजधानी दिल्ली के जल बोर्ड द्वारा तैयार जल नीति के मसौदे में बोला गया है कि सन 2020 तक यमुना नदी के पानी को बिल्कुल स्वच्छ एवं नहाने के योग बना दिया जाएगा।
समझने की जरूरत है जागरूकता अभियान को
हमारे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तरफ से चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान मुहीम के तहत पूरे भारत वर्ष में लोगों ने स्वच्छता अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान कुछ दिनों तक तो स्वच्छता बरकरार रही, परन्तु कुछ दिनों के बाद में स्थिति जैसी की तैसी ही हो गई। लोग जहा भी मन में आया कूड़ा फेक देते है दुकानों से कुछ भी ख़रीदा और डस्टबिन में कूड़ा फेकने के बजाये रैपर हो या कुछ भी हो जहा तहा रोड पर ही फेक देते है जिसकी वजह से कूड़ा कचरा कम होने के वजाय बड़ता ही जा रहा है। लोगो का सहयोग ना मिलने की वजह से नगर परिषद भी सफाई की व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने में नाकामयाब हो रही है।
कचरे फेंके जा रहे है नहरों में
स्वच्छता अभियान के हालाद है ये तो कस्बे से लेकर सटी नहर के किनारे पड़े कचरे के ढेर से ही पता चल रहा हैं। स्वच्छता अभियान के लिए ना तो सिंचाई विभाग, ना नगर परिषद, ना सिंचाई विभाग और ना ही स्थानीय लोग गंभीर हैं। सरकारी विभाग भी इस गंदगी को लेकर बिल्कुल संजीदा नहीं दिख रही है। ये सब की वजह से लोग गन्दगी से होने वाली बिमारियों से लड़ रहे है। लोगों की ये इच्छा है की म्यूनिसिपल कमेटी और प्रशासन कुछ विशेष स्वच्छता अभियान चलाए और कुछ ऐसी व्यवस्था करे कि कचरा इधर उधर खुले में फ़ेकने की जरूरत ही न पड़े और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन-जन को जागरूक करने के प्रयास भलीभांति पूर्ण हों और हर घर, गली, मोहल्ले से स्वच्छता अभियान की शुरुआत हो।
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