मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी
07/07/2016
सोमवार को इलाहाबाद में मौनी अमावस्या के विशेष अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। प्रातः कल से ही श्रद्धालुओं ने संगम के पवित्र जल में आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। अलग अलग शहरो से आये लोगों ने संगम में स्नान किया है और दान- दक्षिणा दी। ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। संगम मेला स्थल के नजदीक ही खोया-पाया काउंटर लगाया गया है। मेला स्थल में मेडिकल सुविधा की भी व्यवस्था की गई है। संगम में स्नान के लिए करीब 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या के दिन संगम में डुबकी लगायी हैं।
क्यों मौनी अमावस्या का महत्व – मौनी अमावस्या को सोमवती अमावस्या या माघी अमावस्या के नाम से भी जाना हैं। इस पवित्र तिथि पर मौन रहकर अर्थात बिना कुछ बिओले हुए या मुनियों के समान आचरण पूर्वक स्नान, दान करने और व्रत रखने का विशेष महत्व है। मन्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के योग में त्रिवेणी या गंगातट पर स्नान, दान करने की महिमा है। माना जाता है की मौनी अमवस्या के दिन सभी देव धरती पर आते है।
मौनी अमावस्या पर स्नान करने के पश्चात् निःस्वार्थ तथा आस्था के साथ चावल, तिल, तिल के लड्डू, आंवला और कंबल आदि का दान करना चाहिए। इस तिथि पर गुड़ में काला तिल मिलाकर लड्डू बनाना चाहिए और उसे लाल कपड़े में बांधकर ब्राह्मणों को देना चाहिए। इसके साथ ही कुछ ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा देनी चाहिए। स्नान, दान के साथ ही इस विशेष तिथि पर पितृ श्राद्ध करने का भी विधान है।
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