प्रदूषण रोकने के लिए बदरपुर पॉवर प्लांट बंद करना चाहिए: धर्मेंद्र
22/04/2016
प्रदूषण रोकने के विचार में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का मानना है कि दिल्ली सरकार के ‘ऑड इवन’ कार्यक्रम से जितना प्रदूषण कम होगा, उससे अधिक प्रदूषण बदरपुर ताप बिजली घर को बंद करने से घटेगा। धर्मेंद्र का ये कहना है कि दिल्ली सरकार बदरपुर बिजली घर की जगह बवाना बिजली घर को पूरी क्षमता से चलाए। साथ ही इसके लिए पेट्रोलियम मंत्रालय वहां 7.5 से 8 डॉलर प्रति एमबीटीयू की दर से गैस उपलब्ध कराने को राजी है। दिल्ली में ऑड-इवन कार्यक्रम आरंभ होने से एक सप्ताह पूर्व खास बातचीत में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि वह दिल्ली सरकार के ऑड इवन जैसे कार्यक्रमों का स्वागत करते हैं और जब ऑड इवन कार्यक्रम चलेगा तो वह स्वयं भी इसका पालन जरुर करेंगे। लेकिन यह सब महज एक दिखावा है, जो प्रदूषण कम करने के नाम पर किया जा रहा है।
यदि दिल्ली में असल में प्रदूषण को कम करना है तो बदरपुर ताप बिजली घर को दिल्ली सरकार द्वारा बंद करना चाहिए। प्रधान के अनुसार अगर दिल्ली सरकार एक साल के लिए बदरपुर ताप बिजली घर को बंद कर दे तो यहाँ पर उतना प्रदूषण घटेगा, जितना कि 18 साल तक मोटर वाहनों के चलने से प्रदूषण फैलता है। दिल्ली के बदरपुर बिजली घर बंद करने पर वहा की जनता को बिजली कहां से मिलेगी, इस प्रश्न पर धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब में कहा कि वह बवाना बिजली घर को पूरी क्षमता से चलाने में आर्थिक मदद करेंगे। वह भी 7.5 से 8 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) की दर से बवाना प्लांट तक गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।
दरअसल इस दौरान बदरपुर ताप बिजली घर से जो 330 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है, वह उसकी आपूर्ति बवाना प्लांट से कर ले। इस समय 200 मेगावाट बिजली ‘बवाना बिजली घर’ में पैदा की जा रही है, जबकि बवाना बिजली घर में बिजली पैदा करने क्षमता 1,200 मेगावाट तक की है। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री की यह इच्छा हैं कि देश के कोयले से चलने वाले सबसे पुराने बदरपुर बिजली घर को बंद करके उसकी जगह पर गैस से बिजली बनाए जाए। दिल्ली के उच्च न्यायालय में दिल्ली को पूरी तरह गैस चैंबर के रूप में परिवर्तित होने के सम्बन्ध में टिप्पणी करने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल सरकार ने इसी साल 1 जनवरी से 15 जनवरी के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में ‘ऑड इवन’ कार्यक्रम का पहला चरण आरम्भ किया गया था। इस बीच प्रदूषण कितना घटा है, इस बात पर एक मत नहीं बन पाया। हालांकि दिल्ली सरकार ने इस कार्यक्रम को बेहद सफल बताया, वहीं दूसरी ओर पर्यावरणविदों ने प्रदूषण की कमी में कोई खास सफलता नहीं मिलने की बात कही। इस कार्यक्रम के लागू होने से कार वाले भी खुश नहीं हैं क्योंकि उन्हें दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है।
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