पुरषों की अपेछा कामकाजी महिलाओं को होता है हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा
18/03/2017
- जो महिलाएं बहुत ज्यादा स्ट्रेस और प्रेशर में रहकर जॉब करती हैं उन्हें बेहतर माहौल में काम करने वाली महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और बाईपास सर्जरी का खतरा अधिक रहता है।
- एक इंटरनैशनल स्टडी के अनुसार ये बात सामने आई हैं कि बहुत अधिक स्ट्रेस के माहौल में काम करने वाली महिलाओं को दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा 40 प्रतिशत तक ज्यादा होता है। यह बात 10 साल तक 17 हजार महिलाओं पर की गई स्टडी से सामने आई हैं।
- कम मेहनत वाले और ज्यादा अधिकार के साथ काम करने वाली महिलाओं की तुलना में नौकरी में काम करने के तरीके चुनने की आज़ादी के बिना ज़्यादा मेहनत वाला काम करने वाली महिलाओं में दिल के दौरा पड़ने की संभावना करीब दोगुनी होती है।
- इस बारे में आईएमए के प्रेसिडेंट और हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ के के अग्रवाल का कहना है कि फाइट हार्मोन के रिसाव से होने वाला स्ट्रेस हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है, जिससे शरीर में सूजन और ब्लड प्रेशर बढ़ने की सम्भावना बढ़ सकती है। डॉक्टर कहते हैं कि कामकाजी स्ट्रेस से कॉरनरी आर्टरी में सूजन शुरू हो सकती है, जिससे ब्लड के थक्के जम सकते हैं जो दिल का दौरा पड़ने का कारण बन सकता है।
- डॉ आर एन टंडन का कहना है कि जो महिलाएं बहुत ज्यादा स्ट्रेस में रहकर काम करती हैं उन्हें खुद की जीवनशैली पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत हैं। ज्यादा स्ट्रेस उसे कहा जाता है जब काम में जिम्मेदारी या मेहनत बहुत ज़्यादा हो लेकिन कंट्रोल की आजादी बहुत कम मिले। कम संसाधनों के साथ नौकरी करते हुए बच्चों, उम्रदराज़ पैरेंट्स या रिश्तेदारों की देखभाल करना और घर चलाने की जिम्मेदारी होना, इसके कई उदाहरण हो सकते हैं। यह हालात महिलाओं पर हावी ना हो जाएं, इससे बचना बेहद जरूरी है।
हार्ट अटैक से बचने के लिए इन बातों का रखे ध्यान
- काम के बाद निजी जीवन में कामकाज की दखलअंदाजी जैसे- काम से जुड़े ईमेल से बचें।
- रोजाना स्ट्रेस कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।
- जितना हो सके ऑफिस का कम से कम काम घर लाएं।
- नियमित एक्सरसाइज करें, यह दिल के रोगों और स्ट्रोक्स के खतरे को कम करने में मदद करता है।
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