नीतीश कुमार का बड़ा दांव, क्या मुलायम को होगा नुकसान?
04/07/2016
बिहार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन बनाने की नींव रख दी है। राष्ट्रीय लोक दल के साथ मिलकर संसद सत्र के बाद नीतीश कुमार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महारैली कर सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस रैली में महागठबंधन का एलान भी कर सकते हैं। नीतीश कुमार ने केवल अजीत सिंह से ही नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी इस संबंध में मुलाकात की है। रालोद और जदयू के मध्य गठबंधन को लेकर सहमति बन गई है हांलाकि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को लेकर निर्णायक बातचीत होना अभी बाकी है। जदयू का कहना है कि, ‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत पूरे राज्य में महागठबंधन होगा। वहीं दूसरी ओर जदयू का पूरा जोर बिहार से जुड़े उत्तर प्रदेश के कई जिलों पर होगी।’
जदयू अध्यक्ष शरद यादव के निवास पर पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान सोमवार को नीतीश कुमार और अजीत सिंह के बीच अलग से एक घंटे तक बातचीत हुई थी। दोनों दलों के बीच गठबंधन करने को लेकर सहमति बनी है। कांग्रेस को भी साथ में शामिल करने की बात हुई है। जदयू के महासचिव के सी त्यागी ने कहा, ‘हां नीतीश जी और चौधरी अजीत सिंह के बीच सौहादपूर्ण मुलाकात हुई है। हम सभी लोग लोक दल और जनता दल में साथ साथ रहे हैं। हमें अजीत सिंह के साथ जाने में कोई परेशानी नहीं है। हम लोग साथ होकर उत्तर प्रदेश की जनता खासतौर पर किसानों की समस्यओं को सुलझा सकते हैं।’
इस गठबंधन में कांग्रेस को भी शामिल करने के मुद्दे पर त्यागी ने कहा, ‘कि कांग्रेस के साथ रालोद के संबंध अच्छे रहे हैं इसलिए हमें ऐसा लगता है कि बिहार की तर्ज पर एक नया मोर्चा उत्तर प्रदेश में भी खड़ा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल युनाइटेड के महासचिव के सी त्यागी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होने वाली रैली का आयोजन दिया है। जनता दल युनाइटेड की सारी रणनीति भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका देने की है। जदयू के सूत्रों के मुताबिक, रालोद को अगर जदयू का साथ मिलता है तो खोया जाट वोट बैंक चौधरी अजीत सिंह को वापस मिल सकता है। जाट आरक्षण और गन्ना किसानों की बदहाली को लेकर जाट जाति के लोग भाजपा सरकार से नाराज है। इसलिए समाजवादी पार्टी से अधिक भाजपा को नुकसान पहुंचना ही नीतीश कुमार का पहला मकसद है। समाजवादी पार्टी की इस महागठबंधन में शामिल करने को लेकर अभी तक जनता दल युनाइटेड परहेज कर रहा है।
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