नासा का ‘मंगल मिशन’ दो साल के लिए रुका
04/07/2016
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मंगल मिशन कम से कम अभी दो साल तक के लिए रुक गया है। नासा के भूकंपीय उपकरण के ‘वैक्यूम स्फेयर हाउसिंग ‘में लीक (रिसाव) की वजह से इस मिशन को 2018 तक के लिए टालना पड़ रहा है। जिसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यह मिशन मार्च 2016 में लांच होना था। नासा के अधिकारियों ने कहा कि मंगल ग्रह की आंतरिक गतिविधियों के बारे में पता लगाने के लिए नासा के ‘मार्स इनसाइट मिशन’ मंगल मिशन को मार्च 2016 में लांच करने की योजना बनायीं गयी थी। नासा के विज्ञान निदेशालय के सहायक प्रशासक जॉन एम ग्रुन्सफेल्ड के मुताबिक, “मार्स इनसाइट मिशन को निर्धारित समय पर लांच करने का समय खत्म हो चुका है।”
जॉन एम ग्रुन्सफेल्ड ने बताया कि इस मंगल मिशन के लिए निर्धारित 67.5 करोड़ डॉलर बजट में से करीब 52.5 करोड़ डॉलर खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बेहद कम करीब माइन 50 डिग्री फारेनहाइट तापमान पर जांच के दौरान उपकरण में एक लीक (रिसाव) पाया गया। इससे पहले की नासा के मंगल मिशनों को लाल ग्रह की सतह समेत अन्य जानकारियों को जुटाने में कामयाबी प्राप्त हो चुकी है। ‘मार्स इनसाइट मिशन’ के साथ भूकंपीय उपकरण भेजने की योजना भी बनायीं गयी है, जो मंगल के भीतर की गहराई की गतिविधियों और इसके प्रभाव के बारे में पता लगाएगा। इनको इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि ये लाल ग्रह के भीतरी गतिविधियों तथा तत्वों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके।
नासा का मंगल मिशन 2018 तक के लिए रुका
सीएनईएस जो फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी है। इस भूकंपीय उपकरण को मंगल की सतह पर स्थापित करेगा, जो मंगल में आने वाले भूकंपों और उल्का पिंडों के प्रभाव के विषय में पता लगाएगा। उन्होंने बताया कि मंगल ग्रह सूरज से काफी दूर है। कक्षा में पहुंचने के लिए मंगल को बहुत वक्त लगता है। ऐसे में पृथ्वी और मंगल ग्रह को दोबारा से एक क्रम (अलाइनमेंट) में आने दो साल (मई 2018) तक का वक्त लगेगा। इस मिशन के लिए निर्धारित समय के भीतर उपकरणों को दुरुस्त नहीं किया जा सकता है।
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