क्यों है हेडली को भारत से इतनी नफ़रत?
07/07/2016
पाकिस्तानी अमरीकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ़ सैयद दाऊद गिलानी को भारत के खिलाफ नफ़रत को देखते हुए ही उसे मुंबई हमलों 26/11 में एक ख़ास भूमिका दी गई थी. हेडली ने ख़ुद ऐसा दावा 16 मई 2011 को शिकागो की एक अदालत में सबके सामने किया था. उन्होंने बताया कि भारत से उसकी घृणा का मुख्य कारण था. सन् 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े होने में भारत की भूमिका. भारतीय बमबारी से इस जंग में लाहौर में उसके स्कूल की इमारत की तबाही ने ही भारत के ख़िलाफ़ उसकी नफ़रत को और बढ़ाया था. इसी वजह से “मिशन मुंबई” में उसका चुनाव मात्र एक संयोग नहीं था.
देखने में डेविड हेडली जितना दबंग था उतना ही बोलने में भी है. वो पाकिस्तानी और अमरीकी दोनों था. वो जितने फर्राटे से अंग्रेज़ी बोल सकता था उतनी ही तहजीब के साथ उर्दू भी बोल सकता था. वो पश्चिमी देशों की सभ्यता में जितनी आसानी से घुल मिल सकता था उतना ही इस्लामी सभ्यता में. लश्कर-ए-तैयबा में उस जैसी शख़्सियत वाला व्यक्ति अब तक शामिल नहीं हुआ था. हेडली साल 2000 में लश्कर-ए-तैयबा की तरफ आकर्षित हुआ और करीब दो साल बाद इसमें शामिल हो गया था. हालांकि उसके साथ एक गम्भीर समस्या थी. वो हमलावर चरमपंथी बनने के योग्य नहीं था. वर्ष 2005/2006 में मुंबई हमले की योजना के दौरान हेडली 44 वर्ष का हो चुका था. उसकी उम्र एक घातक हमले के लिए निकल चुकी थी. हेडली की सेवाओं को लगभग अस्वीकार कर दिया गया था.
शिकागो की अदालत में डेविड हेडली ने बयान देते हुए कहा था कि उसकी ज़िद पर लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी के नेतृत्व में करीब एक वर्ष तक उसे शारीरिक प्रशिक्षण दिया गया था. उसे कैंप में मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार करने के लिए एक साल और गुज़ारना पड़ा. वो दो साल के पश्चात् किसी बड़े हमले में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका था. उसी दौरान लश्कर के संस्थापक हाफ़िज़ सईद और लखवी मुम्बई हमलों की योजना बना रहे थे. हेडली को बस यही बताया गया था कि उसे एक बड़े मिशन के लिए चुना गया है. उस वक्त डेविड कोलमैन हेडली के नाम से उसने पासपोर्ट बनवाया था.
भारत से बेइंतेहा नफ़रत के बावजूद वो सात बार मुंबई आया और उसने शहर में कई दोस्त बनाए. उनमें से एक थे बॉलीवुड डायरेक्टर महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट. दोनों की मुलाकात एक जिम पहली बार हुई थी. इस पर राहुल भट्ट ने एक किताब भी लिखी है. एक बार उन्होंने हेडली के बारे में चर्चा करते हुए मुझसे कहा कि दोनों के बीच इस्लाम पर काफ़ी बहस होती थी. मुंबई में अगर आप विदेशी हैं और अमरीकी एक्सेंट में अंग्रेज़ी बोलते हैं तो अमीर लोगों की पार्टियों के दरवाज़े आपके लिए आसानी से खुल जाते हैं. ऐसा ही हेडली के साथ भी हुआ था. वो वहां एक अमरीकी डूड की तरह रहता था. एक फ़र्ज़ी ट्रेवल एजेंसी चलाता था और साथ ही खूब पार्टियां करता था. बॉलीवुड की कई साइड हीरोइनों से भी उसकी दोस्ती थी. कुछ को तो राहुल भट्ट ने ही उससे मिलाया था.
हेडली अपनी इस्लामी सभ्यता को मुंबई की रंगीन शाम में शामिल होकर भूल सा गया था, या फिर ये सब केवल मात्र एक दिखावा था? मुंबई में केवल पार्टियां करने वाला हेडली शहर के कुछ ख़ास इलाक़ों और होटलों की तस्वीरें और वीडियो भी बना रहा था. उसने सभी वीडियो और तस्वीरों को लश्कर के हवाले कर दिया था. इन्हीं वीडियो की मदद से ये तय किया गया कि हमले किन जगहों पर किए जाएंगे. शिकागो की अदालत की तरह ही उसने मुंबई की एक अदालत के समक्ष वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देते हुए कहा कि मुंबई पर हमले की दो कोशिशें नाकाम रहीं. दोनों बार हमला कर रही टीमों में 26/11 की तरह 10-10 लोग शामिल थे. परन्तु क्या हेडली “हाई लाइफ़” का एक पुजारी था या एक मज़हबी कट्टरवादी? क्या वो एक कायर था या फिर एक मजबूत चरमपंथी? हालांकि दो शख़्सियतों का वो मालिक था जिसे अंग्रेज़ी में ‘स्प्लिट पर्सनालिटी’ कहते हैं. मुंबई हमलों 26/11 के बाद भी एक और हमले की योजना बनाने की वजह से वो भारत वापस लौटना दिलेरी का काम था.
डेविड के ख़िलाफ़ मुक़दमे पर रिपोर्टिंग करने वाले अमरीकी पत्रकारों के मुताबिक, साल 2009 में शिकागो में अपनी गिरफ़्तारी के बाद मौत की सजा से बचने के लिए और मोरक्को की अपनी (दूसरी) बीवी को जेल जाने से रोकने के लिए सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार होना उसकी कायरता थी. हेडली अमरीका में एक समय रंगीन ज़िन्दगी गुज़ार चुका था उस समय ड्रग्स की तस्करी के लिए उसे जेल भी हुई थी. लेकिन पाकिस्तान में और खास तौर से लश्कर में शामिल होने के बाद उसने एक कट्टरवादी मुस्लिम का रूप धारण कर लिया था. इन दिनों हेडली 35 साल की अमेरिका में जेल की सजा काट रहा है. कुछ सालों बाद दुनिया उसे भूल जाएगी. लेकिन मुंबई हमलों में मारे गए 160 लोगों के परिवार वाले शायद कभी हेडली को न भूल सकेंगे और जैसा कि मुंबई में एक घायल एक व्यक्ति ने साल 2009 में कहा था कि हेडली और उसके साथियों को हम कभी माफ़ नहीं कर पायेगे.
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